hindi poems
Friday 27 August 2021
मन चीखा, चीख के रह गया
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मन चीखा, चीख के रह गया सन्नाटा था पसरा, पसरा रह गया गूंजता रहा रात भर टिक-टिक टिक-टिक का शोर वैभव इस मृतलोक का मृत सा रह गया मन चीखा, चीख क...
Wednesday 25 November 2020
भाग्य रेखाओं से मैंने पूछा बहुत
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भाग्य रेखाओं से मैंने पूछा बहुत मेरे हिस्से वो किस्से कब आएंगे रात छटी न कभी; कभी सुबह न हुई उस सुबह को ये रस्ते कब जाएंगे भाग्य रेखाओं...
Monday 3 February 2020
ज़िन्दगी के ना जाने किस मोड़ पे उससे मुलाकात होगी
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ज़िन्दगी के ना जाने किस मोड़ पे उससे मुलाकात होगी; मेरे हिस्से में भी खुशियों की शाम होगी। ना जाने वो कहाँ है ...... उसकी ही कम...
Thursday 3 October 2019
WO EHSAAS AAJ TAK KYO HAI
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चाँद आज अकेला अकेला सा क्यों है हवाओं का रंग बदला बदला सा क्यों है जब उसके दिल में कुछ था ही नही मेरी खातिर…… तो मुझमे ...
Thursday 11 July 2019
अक्सर तुम याद आती हो।
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चाँदनी रात में सितारों के बीच में ; अक्सर तुम नज़र आती हो शाम की तन्हाईयों में; धूमिल होते रास्तों में अक्सर तुम ही याद आती ह...
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Wednesday 15 May 2019
Aj Prakriti Bhi Yad Dilati Hai
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बादलों के दरमियान..., शायद हो रही है कोशिश कोई मध्य रात्रि मे प्रकृति भी..... कर रही है कोशिश कोई इस रात मधुर मधुर हवाएँ; ...
Monday 11 April 2016
जुगनू जैसा जलता-बुझता रहा
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जुगनू जैसा जलता-बुझता रहा पूरे होने की कोशिश में हर क्षण मिटता रहा बादल गरजे, बरसे नही चातक उपेक्षा का मारा रहा एक किस्सा हमे...
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